Ghazal
तुम मेरे नहीं हो यह है अहसास मुझे
तुम्हारा साथ फिर भी है ख़ास मुझे !!
नियति का खेल है , हम पहले नहीं मिले
अब दायरे नहीं कर सकते पामास मुझे !!
तोड़ कर जंजीरें समाज की चली आउंगी
हो जाये गर तेरी हाँ का, आभास मुझे !!
कुछ पल ही सही तुम मुझसे तो मिलोगे
नहीं चाहिए फिर कोई और पास मुझे !!
बस आखरी साँस तेरे आग़ोश में आये
क़यामत भी आ जाएगी रास मुझे !!
तुम मेरे नहीं हो यह है अहसास मुझे
तुम्हारा साथ फिर भी है ख़ास मुझे !!
नियति का खेल है , हम पहले नहीं मिले
अब दायरे नहीं कर सकते पामास मुझे !!
तोड़ कर जंजीरें समाज की चली आउंगी
हो जाये गर तेरी हाँ का, आभास मुझे !!
कुछ पल ही सही तुम मुझसे तो मिलोगे
नहीं चाहिए फिर कोई और पास मुझे !!
बस आखरी साँस तेरे आग़ोश में आये
क़यामत भी आ जाएगी रास मुझे !!
2 comments:
Sunder,
Krutidev to unicode font converter
nice lines
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